साखी - 1. नींद निशानी मौत की उठ कबीरा जाग
और रसायन छोड़के नाम रसायन लाग
2 . आदि रेण अखंड है और सुता है सब कोय
दुनिया जागे दुःख भरी और के जागे है चोर
भजन
मत ले रे जीवड़ा नींद हरामी, नींद आलसी
थोड़ा जीवणा रा कारण कईं सोवे || टेक ||
थोड़ा जीवणा का कारण कईं सोवे
मनक जमारो ऐड़ो खोवे रे
मत ले रे जीवड़ा नींद हरामी, नींद आलसी
थोड़ा जीवणा रा कारण कईं सोवे
बीज भवरिया रा काई बोवे मनक जमारो ऐड़ो खोवे रे
मत ले रे जीवड़ा नींद हरामी, नींद आलसी
थोड़ा जीवणा रा कारण कईं सोवे
|| 2 || थारा घट माहीं घोर अंधेरो पर घर दिवला कांई जोवे
पर घर दिवला कांई जोवे मनक जमारो ऐड़ो खोवे रे
मत ले रे जीवड़ा नींद हरामी, नींद आलसी
थोड़ा जीवणा रा कारण कईं सोवे
|| 3 || थारा घट माहीं समुंदर भरिया नदी नाल्डा में कपडा कांई धोवे
नदी नाल्डा में कपडा कांई धोवे मनक जमारो ऐड़ो खोवे रे
मत ले रे जीवड़ा नींद हरामी, नींद आलसी
थोड़ा जीवणा रा कारण कईं सोवे
|| 4 || थारा घट माहीं नार सुखमणा पर तिरिया री गती कांई सोवे
पर तिरिया री गती कांई सोवे मनक जमारो ऐड़ो खोवे रे
मत ले रे जीवड़ा नींद हरामी, नींद आलसी
थोड़ा जीवणा रा कारण कईं सोवे
|| 5 || कहत कबीरा राम ने भज ले अंत समय पड़ियो रोवे
अंत समय पड़ियो रोवे मनक जमारो ऐड़ो खोवे रे
मत ले रे जीवड़ा नींद हरामी, नींद आलसी
थोड़ा जीवणा रा कारण कईं सोवे
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