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बीरबल और धोबी // birbal and the washerman

Birbal and the washerman

बीरबल और धोबी

बीरबल और धोबी // birbal and the washerman
बीरबल और धोबी // birbal and the washerman


हिन्दी 'अनुवाद- 1. क्या आप अकबर और बीरबल के बारे में कोई कहानी जानते हो? 2. बीरबल किस बात के लिए प्रसिद्ध था? 

कहानी के पात्र : (1) अकबर (2) बीरबल (3) दरबारी (4) नगर में ढिढोरा पीटने वाला (5) संदेशवाहक (6) दीनू (धोबी) (7) कुसुम (धोबी की पत्नी) (8) दीनू और कुसुम के बच्चे ।

दृश्य - 1

 (प्रात: सदी का मौसम है, अकबर और बीरबल महल की बालकनी के फर्श पर टहल रहे थे। बालकनी से नदी का दृश्य बहुत अच्छा दिखता है।)


 अकबर- बीरबल, मैनें सुना है कि इस नदी का पानी बहुत ठण्डा है। क्या यह सत्य है?


 बीरबल - हाँ, महाराज मैनें भी ठीक यही सुना है। 

अकबर - आप क्या सोचते हो? यदि एक आदमी को सारी रात ठण्डे पानी में खड़ा करते हैं तो क्या होगा? कर वह मर जाएगा?


 बीरबल - निश्चित रूप से हाँ महाराज, ठण्डे पानी में बहुत देर तक ठहरने के बाद कोई आदमी जीवित नहीं रह सकता है।

अकबर - (थोड़ी देर सोचकर कहता है) मेरी एक योजना है।

(सम्राट बीरबल के कानों में धीमे से कुछ कहते हैं। बीरबल सम्राट के शब्दों पर आश्चर्यचकित हो जाते हैं) 

अकबर बीरबल की कहानियां

दृश्य-2

(शाम के समय नगर का बाजार, नगर का ढिंढोरा पीटने वाला अपना ढोल जोर-जोर से बजाता है। लोग अपना कार्य छोड़कर चारों और इकट्ठा होते हैं।)

नगर में ढिंढोरा पीटने वाला -  (जोर से) सुनो! सुनो। सम्राट के आदेशानुसार जो व्यक्ति राजा के महल के सामने वाली नदी के ठण्डे पानी में सारी रात खड़ा रहेगा, उसे इनाम दिया जाएगा। सुनो! सुनो! (वह दूसरे क्षेत्र में जाकर वही घोषणा करता है।) 

लोग समूह में खड़े होकर घोषणा की चर्चा करते हैं। कोई भी व्यक्ति चुनौती स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं होता है। एक गरीब धोबी भी यह घोषणा सुनता है। और वह अपनी पत्नी के कान में धीमे से कुछ कहता है। 

दीनू - कुसुम, यह एक अच्छा मौका है। यदि मैं रात में नदी में खड़े होकर सफल हुआ तो मैं बड़ा पुरस्कार पा लूंगा और हम अच्छी तरह से रह सकेंगे।

 कुसुम - नहीं। नहीं। इस तरह का खतरा लेने की कभी मत सोचना।

दीनू - तुम्हें चिन्ता करने की कोई आवश्यकता नहीं है। मुझे कुछ नहीं होने वाला है। में तो रोजाना ठंडे पानी में कपड़ों को धोता रहता हूँ।

कहानियां अकबर बीरबल की

दृश्य - 3

(रात धोबी जाकर नदी के मध्य में खड़ा हो जाता है। कुछ लोग आते हैं, उससे कहते हैं कि वह अपने जीवन को खतरे में न डालें।)

एक आदमी - इस बेचारे गरीब आदमी के लिए मुझे अफसोस है। वह स्वयं क्यों मरना चाहता है?  

दूसरा आदमी - वह पागल है। पैसों के लिए इस तरह का मूर्खतापूर्ण कार्य कर रहा है। अच्छा आओ, हम उसकी सुरक्षा के लिए प्रार्थना

अगले दिन सुबह दीनू बुरी तरह काँप रहा है। वह सारी रात नदी में खड़ा रहा है। वह सफलतापूर्वक अपने लक्ष्य पर पहुँच गया है। लोगों ने उसकी आश्वर्यजनक उपलब्धि पर बधाई दी। 

कुसुम- (खुशी से अरे ! आपने इसे कर दिखाया। भगवान का लाख लाख शुक्रिया। आप ठीक है, मैं बहुत चिंतित थी। मैं सारी रात आपकी रक्षा के लिए प्रार्थना करती रही। अंत में भगवान ने हमारी प्रार्थना सुनी और आप बड़ा पुरस्कार पाने के लिए सबसे सौभाग्यशाली है। मुझे सचमुच आप पर गर्व है। 

बीरबल और धोबी

दृश्य 4

(अकबर का दरबार, सम्राट राजगद्दी पर बैठे हैं, बीरबल उनके बाजू में बैठा है। दरबारी और दीनू और उसका परिवार दरबार में पहुंचते हैं। वे राजा को प्रणाम करते हैं।)

दिनु - अभिवादन महाराज, आपकी जय हो। 

अकबर- आओ, आप सचमुच बहादुर युवक आप सचमुच इनाम के हकदार हो।

(एक दासी सोने के सिक्कों से भरी हुई चाँदी की तश्तरी लाती है ।)

(जैसे ही अकबर दीनू को इनाम देने ही वाले हैं, तभी एक दरबारी हस्तक्षेप करता है।) 

दरबारी - महाराज, आपकी जय हो। यह आप क्या कर रहे हैं? यह आदमी इनाम के लायक नहीं है, क्योंकि यह बिना सहारे के पानी में खड़ा नही रहा है। सारे दरबारी आश्चर्यचकित हुए और स्पष्टीकरण चाहते थे।


दरबारी- महाराज, आपकी जय हो। वास्तव में सारी रात यह धोबी आपके महल की रोशनी के प्रकाश से नदी में खड़े होते हुए गर्मी प्राप्त करता रहा।

अकबर- (विचार करके) हम्म आपके पास एक मुद्दा है, अच्छा इस हालत में पुरस्कार का प्रश्न ही नहीं उठता है।

(बेचारा दीनू अपने परिवार के साथ बहुत उदास होकर चला जाता है। बीरबल इस फैसले से नाखुश था।)

Birbal and the washerman

दृश्य 5 

(अगले दिन अकबर के दरबार में सभी बैठे हुए हैं पर बीरबल की जगह खाली है।)

अकबर - बीरबल अभी तक क्यों नहीं आया, वह प्रायः समय के पाबंद हैं। (एक संदेशवाहक प्रवेश करता है)

संदेशवाहक- महाराज, आपकी जय हो। मंत्री जी अपने घर पर हैं और कहते हैं कि आज उन्हें देर हो जाएगी।

अकबर-  क्यों?

संदेशवाहक - महाराज, वह भोजन पका रहे हैं और उसमें समय लगेगा।

अकबर-  (क्रोधित होकर) क्या नासमझी की बातें करते हो। क्यों? हम स्वयं जाकर पता लगाऐंगे। (अकबर खड़े हो जाते हैं और तेजी से बीरबल के घर की ओर जाते हैं। पीछे-पीछे दरबारी और रक्षक भी हैं)

Akabar birbal ki kahaniya

दृश्य 6

(बीरबल को घर, बीरबल जमीन पर आग के पास बैठा हुआ है। आग से ऊपर दूर लम्बी तिपाई पर खाना बनाने के बर्तन को संतुलित किया जिस पर खाना पक रहा है)

अकबर - बीरबल ! कितने मूर्ख हो । आपने बर्तन को आग से इतनी दूर ऊपर रखा है। यह आग आपके भोजन को किस तरह पका सकती है ?


बीरबल - (पलक झपकाते हुए) यदि यह आग खाना पकाने के बर्तन में भोजन नहीं पका सकती है तो यमुना के ठण्डे पानी में दीनू को आपके महल की रोशनी किस तरह गर्म कर सकती है?

(अकबर को तुरंत अपने गलत निर्णय का आभास हुआ, उन्होनें धोबी को दरबार में बुलाया।)

Story of akbar birbal

दृश्य-7

अगले दिन अकबर के दरबार में दीनू अपने परिवार के साथ आता है। अकबर बीरबल को सोने की तश्तरी सौंपता है। जो वह दीनू को देता है। दोनू और उसका परिवार बहुत खुश है।

लोग प्रसन्न हुए, और तालियाँ बजाई। (लोगों ने दीनू के साथ न्याय की प्रशंसा की)


Birbal and the washerman बीरबल और धोबी

अकबर बीरबल की कहानियां

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