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आरती कात्यायनी माता की // aarti katyayani mata ki

 आरती देवी कात्यायनी की 

यह आरती देवी कात्यायनी जी को समर्पित है । माँ कात्यायनी पार्वती के नौ अवतारों में से एक है, और नवरात्रि के छठवें दिन इनकी पूजा - आरती की जाती है ।


॥ आरती देवी कात्यायनी जी की ॥ 


1- जय जय अम्बे जय कात्यायनी । 

जय जग माता जग की महारानी ॥ 

बैजनाथ स्थान तुम्हारा । 

वहावर दाती नाम पुकारा ॥ 


2- कई नाम है कई धाम है । 

यह स्थान भी तो सुखधाम है । 

हर मन्दिर में ज्योत तुम्हारी । 

कही योगेश्वरी महिमा न्यारी ।।


3- हर जगह उत्सव होते रहते । 

हर मन्दिर में भगत है कहते ॥  

कत्यानी रक्षक काया की । 

ग्रंथि काटे मोह माया की ॥ 


4- झूठे मोह से छुडाने वाली । 

अपना नाम जपाने वाली ॥ 

बृहस्पतिवार को पूजा करिए । 

ध्यान कात्यानी का धरिये ॥ 


5- हर संकट को दूर करेगी । 

भंडारे भरपूर करेगी ॥ 

जो भी माँ को भक्त पुकारे । 

कात्यायनी सब कष्ट निवारे ॥


यह  ही पड़े - आरती स्कंदमाता की

                    आरती देवी कुष्मांडा माता की



आरती कात्यायनी माता की

कात्यायनी माता की आरती


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