आरती देवी कुष्मांडा की
यह आरती देवी कुष्मांडा को समर्पित है । देवी कुष्मांडा पार्वती के नौ अवतारों में से एक है । और नवरात्रि के चौथे दिन इनकी पूजा की जाती है ।
आरती देवी कुष्मांडा की
1- कूष्माण्डा जय जग सुखदानी ।
मुझ पर दया करो महारानी ॥
पिङ्गला ज्वालामुखी निराली ।
शाकम्बरी माँ भोली भाली ॥
2- लाखों नाम निराले तेरे ।
भक्त कई मतवाले तेरे ॥
भीमा पर्वत पर है डेरा ।
स्वीकारो प्रणाम ये मेरा ॥
3- सबकी सुनती हो जगदम्बे
सुख पहुँचती हो माँ अम्बे ॥
तेरे दर्शन का मैं प्यासा
पूर्ण कर दो मेरी आशा ॥
4- माँ के मन में ममता भारी ।
क्यों ना सुनेगी अरज हमारी
तेरे दर पर किया है डेरा ।
दूर करो माँ संकट मेरा ॥
5- मेरे कारज पूरे कर दो ।
मेरे तुम भंडारे भर दो ॥
तेरा दास तुझे ही ध्याए ।
भक्त तेरे दर शीश झुकाए ॥
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