साखी- 1- सतगुरु दिन दयाल है
देवे मुक्ति को धाम
मनसा वाचा कर्मणा
सुमरो सतगुरु नाम ।
2- सतगुरु साखी जीव की
जानत मन की बात
डूबत ही को तार दे
मेटत जम की घात ।
भजन
टेक- सतगुरु दिन दयाला
सतगुरु अति कृपाला ।
करम भरम सब दूर हटावे
मारे शब्द का भाला ।
1- सतगुरु शरण चरण जब लागा
तत्व किया उजाला
अगम अगोचर खिड़की खोली
तोड़ा द्वेत का ताला ।
सतगुरु दिन दयाला
सतगुरु अति कृपाला ।
2- सोहम स्थिति शुद्ध रे किनी
बिन कर फिरती माला
ज्ञान ध्यान की गंगा रे बहती
चलता सदगुण नाला ।
सतगुरु दिन दयाला
सतगुरु अति कृपाला ।
3- जहाँ कहीं मेहर होय गुरु की
जम दे जावे ताला
काम क्रोध वहां कबहुँ ना आवे
नही माया का चाला ।
सतगुरु दिन दयाला
सतगुरु अति कृपाला ।
4- गुरु गोपाल दया के सागर
पल में करे निवारा
जौहरीराम आत्मजग जान्या
जैसे पानी का नाला ।
सतगुरु दिन दयाला
सतगुरु अति कृपाला ।
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