दोहा - दिल का मरहमी ना मिला
जो मिला सो गरजी
कहे कबीर आसमान फटा
क्यों कर सीवे दरजी ।
टेक - हरी दरजी का मरम ना पाया
जिन यह चोला अजब बनाया ।
1 - पानी की सुई पवन का धागा
आठ मास दस सीवन लागा ।
2- पाँच तत्व की गुदड़ी बनाई
चन्दा सूरज दोई थेकल्डी लगाई ।
3- जतन जतन कर मुखड़ा बनाया
जामे हीरा रतन जड़वाया ।
4- आप ही सीवे आप बनावे
प्राण पुरुष को लई पेहरावे ।
5- कहे कबीर सोई जन मेरा
जो यह चोला को करे निवेरा ।
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